Ghananand Ka Jivan Parichay
घनानंद, जिन्हें अन्य नामों में आनन्दघन भी कहा जाता है, का जन्म 1689 ई० (संवत 1746) में हुआ था। उनका जन्म स्थान अज्ञात है, लेकिन दिल्ली के आस-पास माना जाता है।
घनानंद के माता-पिता का नाम अज्ञात है, लेकिन वे एक गुरु के शिष्य थे।
घनानंद का काल रीतिकाल था और वे राजा मोहम्मद शाह रंगीले के आश्रय देने वाले थे। उन्होंने विशेष रूप से भाषा में वैश्यप्रेम का विषय चुना और इसे अपनी कविताओं में व्यक्त किया।
घनानंद की रचनाएँ छंदों में थीं और उन्होंने सवैया भी लिखीं। उनकी मृत्यु 1760 ई० (संवत 1817) में हुई।
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